जनजातीय कार्य विभाग, प्रदेश सरकार का एक प्रमुख विभाग है, जिसे जनजाति वर्गों के विकास एवं हित संरक्षण का दायित्व सौंपा गया है। इस दायित्व के निर्वहन हेतु विभाग जहां एक ओर अपने स्तर पर शैक्षणिक एवं आर्थिक उत्थान के साथ अनुपूरक कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आदिवासी उपयोजना कार्यक्रम तथा विशेष घटक योजना के संबंध में नोडल विभाग के नाते विभिन्न विकास विभागों के मध्य समन्वयक की भूमिका निभाते हुए योजनाओं के बजट प्रावधान एवं अनुश्रवण का कार्य भी कर रहा है।
- जनजाति तथा विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ते हुए समाज के अन्य क्षेत्रों के समकक्ष लाना ।
- विशेष पिछडी जनजाति समूह का उत्थान कर उन्हें अन्य जनजाति वर्गो के समकक्ष लाना ।
- जनजाति वर्गों के शैक्षणिक उत्थान के लिए शिक्षा विषयक योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता से लागू करना |
- जनजाति की परम्परागत संस्कृति को पाठ्यक्रमों में स्थान देना जनजाति महिलाओं के लिए को-आपरेटिव सोसायटियों का गठन ।
- विभिन्न प्रशिक्षण, योजनाओं के माध्यम से रोजगार के कौशल उन्नयन रोजगार एवं स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से आर्थिक विकास के साधन उपलब्ध कराना।
- जनजाति वर्ग के बच्चों के शैक्षणिक विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आवासीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाना ।
- जनजातीय क्षेत्रों के मानव विकास सूचकांकों को गैर जनजातीय क्षेत्रों के मानव विकास सूचकांकों के समकक्ष लाना ।
- विशेष पिछड़ी जनजातियों के मानव विकास सूचकांक को कम से कम अन्य जनजातियों के मानव विकास सूचकांक के समकक्ष लाना ।
- जनजाति वर्ग की शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना ।
साइट देखें : https://www.tribal.mp.gov.in/CMS#